· बाल श्रम पर निबंध बाल मजदूरी के दुष्परिणाम (Side effects of child labor and Essay On Child Labour) (paragraph on child labour in words)Reviews: 2 · बाल श्रम पर निबंध, short essay on child labour in hindi ( शब्द)Estimated Reading Time: 10 mins · Child labor is the concern of every country and the loss of it does not have to be borne by only those forced children, but the entire society and the entire country. इसे भी पढ़े: बाल श्रम/मजदूरी पर निबंध (Child Labour Essay In Hindi) तो यह थे वह 10 पंक्तिया बाल मजदूरी के बारे में। आशा करता हूं कि बाल मजदूरी पर Estimated Reading Time: 4 mins
Stop Child Labour in Hindi - बाल मजदूरी रोकने के उपाय
Scoop Feedz, child labour essay in hindi. आज का टॉपिक है बाल मजदूरी पर निबंध Child Labour Essay in Hindi । संक्षिप्त में जानेगे, Paragraph On Child Labour In Hindi बाल मजदूरी के माध्यम से जैसे की शुरुआत इसका कारण, असर और भारत में हो रही बाल मजदूरी के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त होगी तो चलिए शुरू करते हैं। Read the entire Article On Child Labour Essay in Hindi aur Bal Majduri In Hindi, Bal Majduri Par Nibandh, for school students.
बालको का मन सामान्य तौर पर अपने आस-पास के वातावरण तथा घर-परिवार की स्तिथि से अनभिज्ञ ही रहता है । वह सिर्फ आजादी से खेलना और खाना-पीना ही चाहता है और इन सब बातो का मतलब भी इतना ही समझता है ।. थोडा बड़े होने पर उसके साथी स्लेट और पेंसिल आदि बन जाते है और अपने अन्य बड़े-भाई बहनों की ही तरह वह इसे पढाई के नाम की संज्ञा दे देता है ।.
लेकिन आज की परिस्तिथियों में पेंसिल पकड़ने वाले कुछ हाथ धुल-धूसरित तथा छलनी होने लगे है उनमे लगातार काम करने से कठोरता आने लगी है । उनके चेहरे पर बालको की मन मोहक मुस्कान की बजाय अवसाद और निराशा की रेखाये बन रही है।. जरूर पढ़ें : दहेज़ प्रथा पर निबंध. गरीबी ही इस बाल-मजदूरी का सबसे बड़ा कारण है । परिस्तिथि से उत्पन्न कई कारण इसको बढ़ावा देते है जैसे- कम उम्र में ही किसी अभिभावक की म्रत्यु हो जाना या फिर उनके पास रोजगार के child labour essay in hindi साधन न होना और अधिक पारिवारिक सदस्यों की संख्या होना आदि।.
इन सब परिस्थियों से मजबूर होकर इन बालको को उम्र और शरीर का सामर्थ्य नहीं होने पर भी अनावश्यक रूप में किसी चाय की दुकान, होटल या ढाबा, फैक्ट्री और कई प्रकार के रसायन युक्त कारखानों में काम करना पड़ता है।.
उस जी-तोड़ मेहनत के बाद इन्हें नाम मात्र का वेतन मिलता है जो उचित रूप से इनकी मेहनत का परिणाम भी नहीं होता है । कई मामलो में तो इनकी शरुआत सिर्फ दो वक़्त के खाने के बदले ही होती है।. आज़ादी मिलने के बाद से ही भारत जैसे विकाशशील देश में भी बाल-श्रम जैसी समस्या ने अपने पैर-पसारे है । देश के महानगरो से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक यह मुख्य और गौण रूप में विद्यमान है।, child labour essay in hindi. कश्मीर में होने वाले कालीन के उद्योग से लेकर दक्षिण भारत के माचिस और पठाखा उद्योग या महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल का बीडी उद्योग तो मुख्य रूप से बाल मजदूरी से ही विकसित हुआ है और आज भी इनके श्रम पर ही अनवरत जारी है।, child labour essay in hindi.
इनके अलावा भी कई नगरो और कस्बो में बाल-मजदूरी के द्र्श्य सामान्यतया देखने को मिल ही जाते है । बाल मजदूरी न किसी स्वतंत्र देश के लिए बल्कि यह तो सारे विश्व की मानवता के लिए एक तरह का अभिशाप ही है।.
कम उम्र के सुकुमार बच्चो से जब बारह से चौदह घंटे काम लिया जाता है तो उनका शारीरिक और मानसिक विकास रूक जाता है और उनका कोमल मस्तिषक पूरी तरह विकसित नहीं हो पता।. उन्हें जीवन जीने के किये लिए आवश्यक आत्मविश्वास, child labour essay in hindi, विवेक, संयम आदि मूल्यों की परख ही नहीं रह जाती । बीमार होने पर भी लगातार काम करने से वो बीमारियाँ भयंकर रूप ले child labour essay in hindi है।, child labour essay in hindi.
छुट्टी नहीं मिलने या तनख्वाह काटने के डर से ये रोगी की स्तिथि में भी काम करते रहते है । कई मालिक तो दुगना वेतन भी काट लेते है ।. हलवाई की दूकान पर काम करने वाले कई बच्चो को तो बचा हुआ माल या फिर उसकी झुटन खाकर ही काम चलाना पड़ता है।.
चाय की दूकान पर कप या गिलास टूटने पर इन्हें गालिया कई बार तो लात-घुसे भी खाने पड़ते है और ऐसी ही कई अन्य यातनाये झेलनी पड़ती है । कोई वस्तु खो जाने पर चोरी का इल्जाम या वेतन से भरपाई की जाती है।. सर्दी-गर्मी के अनुसार इनके बिस्तर की ,सोने की व्यवस्था भी ठीक से नहीं हो पाती है । इस प्रकार अत्यंत ही दयनीय और यातना से ग्रस्त इनका जीवन स्तर हो जाता है।. बाल मजदूरी कहा से पैदा हुई इस child labour essay in hindi गहराई से विचार करे तो सीधा सा एक ही कारण हमें पता लगता है की गरीब-परिवार या झुग्गी झोपडी में रहने वाले बालक जिनके अभिभावकों का उन्हें पता नही या फिर बचपन में बिछुड़ गए हो या फिर वे जीवित ही नहीं हो।.
इन लोगो को पढने —लिखने का अवसर मिल नहीं पता और गुमराह होकर ये जिन्दा रहने की मजबूरी से बाल-मजदूरी करने को विवश हो जाते है।. काम से चोरी, सोतैले माँ या पिता का बुरा व्यवहार या पढाई में मन नहीं child labour essay in hindi की वजह से घर छोड़ देना आदि भी इसके अन्य कारण है।. देश का भविष्य कहलाने वाले बच्चो से हम बाल मजदूरी कराये ये कही से भी मानवीयता को शोभा नहीं देता है । इसके लिए हमे सबसे पहले अपने घरो का माहौल सुधारना होगा जिससे वह स्थान बच्चो को रहने के अनुकूल लगे।.
ऐसी परिस्तिथिया बनानी पड़ेंगी ताकि वह स्वयं को सुरक्षित महसूस करे । इनके अलावा सरकार को भी कई प्रकार की बाल-कल्याणकारी योजनाओं के द्वारा इन गुमराह और शोषित बच्चो child labour essay in hindi इनके जीवन-स्तर को सुधरने के व्यापक स्तर पर प्रयास करने होंगे तभी बाल-श्रम की इस घोर समस्या का स्थायी समाधान मिल सकता है।.
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Child Labour : Challenges and Solutions - Audio Article
, time: 15:27बाल मजदूरी पर निबंध Essay on Child Labour in Hindi (W)
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